Sarvanam Kise Kahate Hain (सर्वनाम किसे कहते हैं? सर्वनाम की परिभाषा, भेद और उदारहण)

छात्रों आज इस लेख के माध्यम से आपको सर्वनाम के बारे मे बताते हैं – परिभाषा, भेद, उदाहरण इत्यादि हिंदी भाषा के सटीक ज्ञान के लिए हमें हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण खंड सर्वनाम (Sarvanam Ki Paribhasha) मालूम होना चाहिए क्योकि परीक्षाओ में सर्वनाम किसे कहते है, उदाहरण और सर्वनाम के कितने भेद हैं (Sarvanam ke Bhed) इसके बारे में पूछे जाते है।

Sarvanam Kise Kahate Hain: वह शब्द जिनका प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है अर्थात् संज्ञा के बारे में बुलाने के लिए या संज्ञा के बारे में बताने के लिए संज्ञा की जगह पर जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता हैं, उन्हें सर्वनाम कहा जाता है। उदाहरण के लिए- मैं, तुम, हम, वह, उसके आदि।

  • कल मुझे घर जाना है।
  • कल उसका जन्मदिन है।
  • तुम बिना बताये कहाँ चले गए?
  • हम सब स्कूल जा रहे है।
  • आपका टीवी पहुँच जायेगा।

सर्वनाम का प्रयोग क्यों किया जाता है?

सर्वनाम का उपयोग भाषा को बहुत ही सुंदर बनाने के लिए तथा संज्ञा शब्दों की पुनरावृत्ति (बार -बार )को कम करने के लिए सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किया जाता है। जैसे: राहुल एक चालाक आदमी है। राहुल दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता है। राहुल की एक पुत्री है। मोहन अपनी पुत्री से बहुत प्यार करता है। यहाँ राहुल शब्द की बार -बार पुनरावृत्ति हो रही है। इस तरह एक शब्द कि बार-बार पुनरावृत्ति होने से भाषा की सुंदरता में कमी आती है। सर्वनाम शब्दों का प्रयोग इसी पुनरावृत्ति को ख़त्म करने के लिए किया जाता है।

सर्वनाम के भेद – Types of pronoun in hindi

  • पुरुषवाचक सर्वनाम (Personal Pronoun)
  • निश्चयवाचक सर्वनाम (Demonstrative Pronoun)
  • अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun)
  • संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun)
  • निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)
  • प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun)

पुरुषवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम से बोलनेवाले, सुननेवाले या जिसके बारे में कहा जाए उसका बोध हो, उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे — मैं , मैंने , हमलोग , आप , आपको , उसका , उसकी आदि।

उदाहरण :

मैंने कल आपको उसकी घड़ी दी थी।
मैंने — बोलनेवाले के लिए।
आपको — सुननेवाले के लिए।
उसकी — जिसके बारे में चर्चा हो रही है।

पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं।

उत्तम पुरुष: जिस सर्वनाम को बोलने वाला अपने लिए प्रयोग करता है, उसे उत्तम पुरुष कहते हैं। जैसे – मैं पढ़ता हूँ।(में, हम, मने, हमने, मेरा, हमारा, मुझे,मुझको।)

  • हम भोजन कर रहा हूँ
  • मैं एक डॉक्टर हूँ
  • मैं पढ़ाता हूँ
  • मैं स्कूल जाता हूँ
  • हमारा देश महान है
  • हम मूवी देखने गए

मध्यम पुरुष: जिस सर्वनाम का प्रयोग करने वाला, सुनने वाले के लिए करता है, उसे मध्यम पुरुष कहते हैं। जैसे-तुम पढ़ते हो। (तू, तुम, तुमने, तुझे, तूने, तुम्हें, तुमको, तुमसे, आपने, आपको।)

  • तुम पढ़ते हो|
  • तुम पढ़ाते हो |
  • तुमको हमारे घर आना है
  • तुम्हारा घर सुंदर हैं।
  • आप कहाँ जा रहे हैं?

अन्य पुरुष: जिस सर्वनाम का प्रयोग करने वाले और सुनने वाले से अलग किसी अन्य व्यक्ति या वस्तु के लिए किया जाता है, उसे अन्य पुरुष कहते हैं। जैसे – वह पढ़ता है। (वह, यह, वे, ये, इन, उन, उनको, उनसे, इन्हें, उन्हें, इससे, उसको।)

  • वह वैज्ञानिक है
  • वह स्कूल जाता है
  • वह सब्जी लेने गया है
  • वह एक अभिनेता है।
  • यह क्रिकेट का मैदान है।
  • मेज पर क्या रखा है?
  • दरवाजा पर कौन है?

निजवाचक सर्वनाम

जिस सर्वनाम से स्वयं, खुद या नीजी होने का बोध हो उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे – अपना, स्वयं, मेरी आदि।

  • मोहन स्वयं स्कूल जा रहाहै।
  • यह मेरा घर है।
  • वह अपना सामान ले जा रहा है।
  • यह मेरी पुस्तक है।
  • वह तुम्हारा पेन है।
  • ये हमारी कुर्सियाँ है।

निश्चयवाचक सर्वनाम किसे कहते है

जिन सर्वनाम शब्दों से किसी दर के या समीप वस्तु, व्यक्ति प्राणियों या स्थान, घटना-व्यापार की निश्चितता का जिक्र हो, उन शब्दों को निश्चयवाचक सर्वनाम कहा जाता हैं। जैसे- यह, ये, उस, इस, वे आदि।

इस सर्वनाम के तहत ‘यह’ और ‘वह’ आते हैं। ‘यह‘ पास की वस्तु के लिए आता है। ‘वह‘ दूर की वस्तु के लिए प्रयुक्त होता है। मतलब, जिस सर्वनाम से वक्ता के नजदीक या दूर की किसी वस्तु के निश्र्चय का जिक्र होता है, उन शब्दों को ‘निश्च्यवाचक सर्वनाम’ के अंतर्गत रखा जाता हैं।

यह पुस्तक है।
ये लड़के है।
वह हाथी है।
वे कलमे हैं।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम

अनिश्चयवाचक सर्वनाम सिर्फ दो हैं — ‘कुछ’ और ‘कोई’ (किसी)। ‘किसी’ , ‘कोई’ का ही रूप है। इससे व्यक्ति, वस्तु या भाव के अनिश्चय का बोध होता है। जैसे —

  • नदी में कोई तैर रहा है।
  • नदी में कुछ तैर रहा है।
  • किसी को खिला दो।
  • कुछ खिला दो।
  • कुछ बातें हो रही हैं।
  • बाहर कोई खड़ा है।
  • भीतर कुछ पड़ा है।
  • यह किसी का पेन है।
  • यहाँ कोई आ रहा है।
  • वह किसी की गाय है।

(4). संबंधवाचक सर्वनाम

जो सर्वनाम प्रधान वाक्य और आश्रित वाक्यों में प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम से संबंध जोड़ता है, उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे — जो .. सो , जिसकी .. उसकी , जहाँ .. वहाँ , जैसा .. वैसा , जैसी .. वैसी आदि।

  • जो सोता है, सो खोता है।
  • जहाँ न जाए रवि, वहाँ जाए कवि।
  • जिसकी लाठी, उसकी भैंस।
  • जैसा करोगे, वैसा पाओगे।

‘जो’ के बाद ‘सो’ का और ‘जिसकी’ के बाद ‘उसकी’ का आना नियत या निश्चित है। इसलिए ऐसे सर्वनामों को ‘नित्य-संबंधी’ सर्वनाम भी कहते हैं।

निजवाचक सर्वनाम

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग स्वयं अर्थात खुद के लिए किया जाता है उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे अपने आप, अपना, खुद का, आदि।

  • मैं अपने सब काम स्वयं करती हूँ ।
  • मैं अपनी कार खुद चलाती हूँ।
  • मैं अपना काम जानता हूँ।

(इन वाक्यों में ‘अपना’ निजवाचक सर्वनाम है।)

प्रश्नवाचक सर्वनाम

‘जिन सर्वनाम शब्दों को प्रश्न पूछने के लिए प्रयोग किया जाता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- कौन, क्या, कब, कहाँ आदि। देखो तो कौन आया है।

  • दरवाजे पर कौन खड़ा है?
  • आप इस समय कहाँ से आ रहे हैं?
  • तुम किसके साथ वापस लौटे?
  • उसका जन्म कहाँ हुआ ?
  • यह निबंध किसने लिखा है?
  • इस बैग में क्या है?
  • पहाड़ पर सबसे पहले कौन चढ़ेगा?
  • तुम किससे मिलना चाहोगे?

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *